केंद्रीय विद्यालय संगठन Kendriya Vidyalaya Sangthan भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एक स्वायत्तशासी संगठन हैं। जिसकी स्थापना भारतीय शिक्षा प्रणाली को प्रभावशाली बनाने एवं शिक्षा के क्षेत्र में व्यापकता लाने के लिए किया गया था।
केन्द्रीय विद्यालय भारत में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा का प्रबंध है, जो मुख्यतः भारत की केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों के लिए बनाया गया है। इस की शुरुआत 15 दिसंबर1963 में हुई तथा यह तब से भारत के केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से अनुबन्धित है। इस समय भारत में केन्द्रीय विद्यालयों की संख्या 1,248 है। इस के अतिरिक्त विदेश में तीन केन्द्रीय विद्यालय हैं जिनमें भारतीय दूतावासों के कर्मचारियों तथा अन्य प्रवासी भारतीयों के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालयों में भारत के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के पाठ्यक्रम का अनुसरण होता है।
इस संगठन के निर्माण का सबसे बड़ा उद्देश्य स्थानांतरित पदों में कार्यरत कर्मचारियों के बच्चों को समान स्तर एवं समान पाठ्यक्रम की शिक्षा देने हेतु किया गया था। इस प्रकार की शिक्षा हेतु सर्वप्रथम “रेजीमेंट स्कूलों” की स्थापना की गई। 1963 में इन स्कूलों की संख्या लगभग 20 थी।
1965 में केंद्रीय सरकार ने ऐसे कर्मचारियों के बच्चो को शिक्षा प्रदान करने हेतु ऐसे कई विद्यालयों की स्थापना करना शुरू किया जिनका संबंध सीधें केंद्र से था। भारतीय सरकार ने सर्वप्रथम 20 रेजीमेंट स्कूलों को शिक्षा विभाग के अंतर्गत सम्मिलित किया। इन्हें ही केंद्रीय विद्यालयों का दर्जा दिया गया। इनका पाठ्यक्रम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड़ CBSE के अंतर्गत स्थापित किया गया। तत्पश्चात ऐसे स्कूलों को पूर्णता प्रदान करने हेतु केंद्रीय विद्यालय संगठन (Kendriya Vidyalaya Sangthan) का गठन किया।
केंद्रीय विद्यालय संगठन की संरचना Structure of Kendriya Vidyalaya Sangthan
0 comments:
Post a Comment