Thursday, December 16, 2021

FOUNDATION DAY OF KVS

 


केंद्रीय विद्यालय संगठन Kendriya Vidyalaya Sangthan  भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय  के अंतर्गत आने वाली एक स्वायत्तशासी संगठन हैं। जिसकी स्थापना भारतीय शिक्षा प्रणाली को प्रभावशाली बनाने एवं शिक्षा के क्षेत्र में व्यापकता लाने के लिए किया गया था।

केन्द्रीय विद्यालय भारत में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा का प्रबंध है, जो मुख्यतः भारत की केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों के लिए बनाया गया है। इस की शुरुआत 15 दिसंबर1963 में हुई तथा यह तब से भारत के केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से अनुबन्धित है। इस समय भारत में केन्द्रीय विद्यालयों की संख्या 1,248 है। इस के अतिरिक्त विदेश में तीन केन्द्रीय विद्यालय हैं जिनमें भारतीय दूतावासों के कर्मचारियों तथा अन्य प्रवासी भारतीयों के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालयों में भारत के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के पाठ्यक्रम का अनुसरण होता है।  


इस संगठन के निर्माण का सबसे बड़ा उद्देश्य स्थानांतरित पदों में कार्यरत कर्मचारियों के बच्चों को समान स्तर एवं समान पाठ्यक्रम की शिक्षा देने हेतु किया गया था। इस प्रकार की शिक्षा हेतु सर्वप्रथम “रेजीमेंट स्कूलों” की स्थापना की गई। 1963 में इन स्कूलों की संख्या लगभग 20 थी।

1965 में केंद्रीय सरकार ने ऐसे कर्मचारियों के बच्चो को शिक्षा प्रदान करने हेतु ऐसे कई विद्यालयों की स्थापना करना शुरू किया जिनका संबंध सीधें केंद्र से था। भारतीय सरकार ने सर्वप्रथम 20 रेजीमेंट स्कूलों को शिक्षा विभाग के अंतर्गत सम्मिलित किया। इन्हें ही केंद्रीय विद्यालयों का दर्जा दिया गया। इनका पाठ्यक्रम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड़ CBSE के अंतर्गत स्थापित किया गया। तत्पश्चात ऐसे स्कूलों को पूर्णता प्रदान करने हेतु केंद्रीय विद्यालय संगठन (Kendriya Vidyalaya Sangthan) का गठन किया।

केंद्रीय विद्यालय संगठन की संरचना   Structure of Kendriya Vidyalaya Sangthan

केंद्र ने इस संगठन के क्षेत्र को तीन वर्गों में विभाजित किया- केंद्रीय स्तर,क्षेत्रीय स्तर और स्थानीय स्तर। इन सभी स्तरों के अंतर्गत विभिन्न समितियों एवं निकायों की भी स्थापना की गई जो इस प्रकार हैं –
1) केंद्रीय स्तर – केंद्रीय से के अंतर्गत दो निकायों की व्यवस्था की गई हैं- सामान्य निकाय और प्रशासनिक निकाय।
◆ सामान्य निकाय – सामान्य निकाय के अंतर्गत उच्च अधिकारी आते हैं। इसके चेयरमैन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मंत्री होता हैं और उसके राज्यमंत्री डिप्टी चेयरमैन पद पर आसीन होते हैं। इनके सदस्यों में अनेको क्षेत्र के मंत्री भी सम्मिलित होते हैं।
◆ प्रशासनिक निकाय – इसके अंतर्गत 11 सदस्य आते हैं। जिसमें 1 कमिश्नर , 5 उप-कमिश्नर , 2 जॉइंट कमिश्नर एवं 3 अन्य सदस्य होते हैं। इसके अंतर्गत तीन समितिया कार्य करती हैं – वित्त समिति,निर्माण समिति और सलाहकार समिति।
2) क्षेत्रीय स्तर – क्षेत्रीय स्तर पर उच्च अधिकारी तीन शैक्षिक अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी कार्य करते हैं। क्षेत्रीय स्तर पर गठित होने वाली CBSE की परीक्षाओं का सफल निर्माण एवं क्रियान्वयन का उत्तरदायित्व इन अधिकारियों पर ही होता हैं।
3) स्थानीय स्तर – स्थानीय स्तर के शिक्षा की व्यवस्था हेतु केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) द्वारा विद्यालय प्रबंधन समिति का निर्माण किया जाता हैं। जिसमे मुख्या के तौर पर जिलाधिकारी भूमिका निभाता है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन के उद्देश्य  Aims of Kendriya Vidyalaya Sangthan
1) स्थानांतरित पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के बच्चो को समान शिक्षा समान पाठ्यक्रम के साथ प्रदान करना।
2) विद्यालयों में आधुनिक तकनीकों एवं आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा प्रदान करना।
3) केंद्रीय विद्यालयों का विकास करना उसमें गुणवत्तापूर्ण तत्वों का समावेश करना।
4) सभी छात्रों को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराना।
केंद्रीय विद्यालय संगठन के कार्य  Functions of Kendriya Vidyalaya sangthan
केंद्रीय विद्यालय संगठन केंद्रीय विद्यालयों के नीति-निर्माण एवं कार्यो के उत्तम क्रियान्वयन हेतु निरंतर प्रयासरत रहता हैं। यह केंद्रीय विद्यालयों को उनकी आवश्यकतानुसार अनुदान प्रदान करने का भी कार्य करता है। नवीन केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना हेतु अपनी मंजूरी देना एवं मानदंडों का निर्माण करना, निरीक्षण करना आदि।
यह सह-पाठ्यक्रम सामग्री की योजना बनाने एवं केंद्रीय विद्यालयों के अध्यापकों एवं प्रधानाचार्यो की नियुक्ति एवं उनके स्थानांतरण में भी अपनी भूमिका निभाता हैं।
यह संगठन भारतीय शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के प्रयासों में से एक हैं। यह समस्त स्थानांतरित कर्मचारियों के बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखता हैं, साथ ही शिक्षा के अधिकार की पूर्ति करता हैं।
यह एक राष्ट्र एक पाठ्यक्रम की नीति के अनुरूप कार्य करता है। 


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